'फर्जी डिग्री' के डॉक्टर ने 10 साल तक किए 70 हजार ऑपरेशन, अब गिरफ्तार


'फर्जी डिग्री' के डॉक्टर ने 10 साल तक किए 70 हजार ऑपरेशन, अब गिरफ्तार



  • ओमपाल के लिए डॉक्टर राजेश ने विदेश जाने से पहले बनाई क्लोन डिग्री
  • रंगदारी के लिए 40 लाख मांगे जाने की शिकायत करने से हुआ खुलासा
  • फेक डॉक्टर ओमपाल ने USA से सर्जरी के 2 डिप्लोमा भी हासिल कर लिया
मुन्नाभाई एबीबीएस और थ्री इडियट्स हिंदी सिनेमा की 2 मशहूर फिल्में हैं जिसमें फर्जी डिग्री की कहानी दिखाई गई है, लेकिन अब ऐसा शख्स पकड़ में आया है जिसने क्लोन डिग्री के जरिए न सिर्फ सरकारी अस्पताल में अनुंबध के आधार पर नौकरी पाई बल्कि 70 हजार से ज्यादा ऑपरेशन भी कर डाले. बाद में अमेरिका से भी 2 डिप्लोमा भी हासिल कर लिए.

Saharanpur: A man, Om Pal Sharma, practicing as a doctor since 10 yrs, was arrested by police after his MBBS degree was found to be fake. Saharanpur SP (rural) says "He had forged the degree of a Rajesh R,a practicing doctor in Bengaluru,&had been 'practicing' since 10 yrs.(30.9)
View image on Twitter
37 people are talking about this
फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद एसपी सिटी विद्धासागर मिश्रा ने बताया कि उसने बेंगलुरू से डॉक्टर की फर्जी डिग्री हासिल की थी और वह कर्नाटक मेडिकल काउंसिल के तहत रजिस्ट्रेशन कराया था.

पुलिस के अनुसार, सरकारी अस्पताल में अनुबंध के आधार पर नौकरी भी कर रहा था. उसका नाम आयुष्मान भारत योजना के तहत उसका नर्सिंग होम भी रजिस्टर्ड था. उसका दावा है कि उसने 10 सालों में 70 हजार से ज्यादा ऑपरेशन किए हैं. फिलहाल जांच जारी है. डॉ राजेश शर्मा का देवबंद के मकबरा रोड स्थित शिवम नर्सिंग होम है.
एयरफोर्स बेस हॉस्पिटल से की शुरुआत
पुलिस के अनुसार, ओमपाल ने सन 2000 में कर्नाटक के मेंगलुरू एयर फोर्स बेस हॉस्पिटल में बतौर चिकित्सा-सहायक काम शुरू किया था और उसे पेंशन मिलती है. सहारनपुर के एसपी (सिटी) विद्धासागर मिश्रा ने बताया कि राजेश आर नाम का एक डॉक्टर जिसने मंगलुरू में उसके साथ काम कर रखा था. डॉक्टर राजेश ने विदेश जाने से पहले उसने अपनी एमबीबीएस की डुप्लीकेट डिग्री ओमपाल की फोटो के साथ बना दी.
एसपी सिटी ने कहा कि ओमपाल ने इस फेक डिग्री का इस्तेमाल करते हुए उत्तर प्रदेश में खुद को एक चिकित्स के रूप में अपना नाम रजिस्टर्ड करावाया. इस डिग्री के आधार पर देवबंद के चिकित्सा केंद्र में न केवल अनुबंध के आधार पर सर्जन की नौकरी हासिल कर ली, बल्कि कई अन्य प्रमाणपत्र और सर्जरी से जुड़े डिप्लोमा भी हासिल कर लिए. सर्जरी से जुड़े 2 डिप्लोमा तो अमेरिका से भी मिले थे.
कैसे पकड़ में आया फर्जी डॉक्टर?
एसपी सिटी मिश्रा ने बताया कि दस्तावेजों के अनुसार, वह डॉक्टर राजेश आर था, लेकिन अपने नुस्खे, निर्देश और होर्डिंग्स आदि पर डॉक्टर राजेश शर्मा का नाम इस्तेमाल करता था. ऐसे इसलिए करता था ताकि इस तरह का अजीब नाम (डॉक्टर राजेश आर) से लोगों में किसी तरह का कोई शक न हो.
पुलिस के अनुसार, उसका धंधा अच्छे से चल रहा था, लेकिन पूरा गोरखधंधा उस समय खुला जब वह वसूली से जुड़े फोन कॉल को लेकर पुलिस की मदद मांगने गया. उगाही करने वाला उससे उसके असली नाम ओमपाल के नाम पर 40 लाख रुपये की मांग कर रहा था. लेकिन ओमपाल अब देवबंद का चर्चित चेहरा बन गया था और उसे अपनी चालाकी पर पूरा भरोसा था, उगाही के मामले को पुलिस के सामने लेकर चला गया. बाद में खुलासा हुआ और वह खुद एक फर्जी डॉक्टर निकला

Post a Comment

0 Comments